Bihar Police: Bihar Police क्या करती है? 21 महीने तक खोदी जमीन; ये नजारा देख शिवदीप लांडे भी हिल गए!

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार पुलिसिंग को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन विभाग के अधिकारी सरकार की कोशिशों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं. मुजफ्फरपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. अपहरण और हत्या से जुड़ी एक घटना में मुकदमा दर्ज होने के एक साल नौ महीने बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामला मुजफ्फरपुर आईजी शिवदीप लांडे तक पहुंचा.

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि सीतामढी जिले के पुपरी थाना क्षेत्र में एक युवक का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गयी. युवक का नाम आशीष कुमार झा था. उनके परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन पुलिस ने इस मामले पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लापता युवक के पिता थाने की सीढ़ियां चढ़ते रहे लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. अंततः यह मामला मुजफ्फरपुर आईजी शिवदीप लांडे के पास गया. उन्होंने तुरंत मामले का संज्ञान लिया और एक साल नौ महीने बाद अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया. बाद में जब मामले की जांच शुरू हुई तो पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान और साक्ष्यों की मदद से अरविंद कुमार और पांच अन्य को गिरफ्तार कर लिया. अरविंद कुमार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार पुलिस ने मृत युवक के कंकाल को जब्त कर लिया है. अरविंद और उसके साथियों ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने ही युवक की हत्या कर शव को दफना दिया है.

लांडे ने पूरे मामले की जांच की तो तत्कालीन पुपरी थाना अध्यक्ष की अक्षम्य लापरवाही और गैरजिम्मेदारी सामने आयी. करीब दो साल बाद पुलिस ने इस मामले में तेजी से जांच करने और आरोपियों को सजा दिलाने का काम शुरू कर दिया है. लेकिन बिहार में अपनी शिकायत दर्ज कराने आने वाले लोगों की बात भी ठीक से नहीं सुनी जाती. बिहार की पुलिस असल में यही करती है? अन्याय से पीड़ित एक परिवार अपने बेटे को ढूंढने, न्याय पाने के लिए थाने का चक्कर लगा रहा है, किसी ने उनकी सुध क्यों नहीं ली? शिकायत है कि युवक लापता था? अगर यह बात आईजी लांडे तक नहीं पहुंची होती तो क्या मृतक युवक और उसके परिवार को न्याय नहीं मिलता? इस मौके पर कई सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या इस मामले से अन्य पुलिस अधिकारी भी कुछ सबक लेंगे.

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