‘उस दिन अचानक उनका सामना हुआ…’ मशहूर एक्टर ने खोया 10 साल का बेटा; कुछ वर्षों बाद एक चमत्कार हुआ

इस वक्त हर तरफ संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ की चर्चा हो रही है। इस सीरीज में एक्टर और डायरेक्टर शेखर सुमन स्क्रीन पर दिखाई देंगे. इस सीरीज में कई सालों बाद शेखर के बेटे अध्ययन सुमन भी नजर आएंगे. शेखर सुमन इस सीरीज के लिए काफी उत्साहित हैं. इस सीरीज के मौके पर वह कई जगहों पर इंटरव्यू दे रहे हैं. इसी तरह एक जगह बात करते हुए एक्टर ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपना 11 साल का बेटा खो दिया है. उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि बेटे की मौत के बाद शेखर के साथ क्या हुआ था. जानिए शेखर सुमन ने क्या कहा.

शेखर सुमन के बेटे को हुई दुर्लभ बीमारी! 10 साल की उम्र में एंडोकार्डियल फाइब्रोएलास्टोसिस नामक दुर्लभ बीमारी से उनकी मृत्यु हो गई। शेखर सुमन ने हाल ही में सिद्धार्थ कन्नन को एक इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने अपने बेटे को खोने का दुख जाहिर किया है. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ”मैंने अपना बेटा खो दिया. मेरा बेटा आयुष अभी 10 साल का था. उनकी मृत्यु के बाद मैं पूरी तरह से टूट गया था।’ मैं अब जीना नहीं चाहता था. मैं उसे खोने का दर्द बर्दाश्त नहीं कर सका. मैं अपना सिर दीवार पर मारता था.

अपने बेटे की मृत्यु के बाद हताश शेखर ने कई ज्योतिषियों से सलाह ली। वे जानना चाहते थे कि वास्तव में उनके साथ ऐसा क्यों हुआ। इसी बीच एक ज्योतिषी ने उनसे कहा कि ‘एक दिन आपका बेटा आपसे जरूर मिलेगा।’ ऐसा कहा। शेखर को भी उसकी बातों पर यकीन हो गया और कुछ ही दिनों में वैसा ही कुछ हो गया.

इस बारे में बात करते हुए शेखर ने कहा, ‘मेरी पत्नी अलका बाबा विश्वनाथ के मंदिर गई थीं। उस समय 2009 में मैं चुनाव लड़ रहा था. पटना में चुनाव प्रचार कर रहे थे. इतने में अलका का फोन आ गया। मैंने फोन उठाया और हैलो कहा.. अलका मुस्कुराई और मुझसे बात करने लगी और मैं हैरान रह गया। मैंने उससे सीधे पूछा ‘क्या आप आयुष से मिली हैं?’ वो पूछा. यह सुनकर वह सन्नाटे में आ गई।’

शेखर की पत्नी अलका ने एक्टर को फोन पर बताया कि, ‘मैं उनसे आधे सेकेंड के लिए मिली थी. मैं कार में बैठा था और अचानक मुझे एक आवाज सुनाई दी. लड़के ने मुझसे पैसे मांगे. मैंने 10 रूपये का नोट निकाला और उसे दे दिया. उसके बाद मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया. लेकिन तभी लड़के ने कहा, ‘मेरा क्या होगा?’

एक्टर ने कहा, ‘आयुष जब भी बीमार होता था तो हमेशा यही कहता था। उन्हें कई खाद्य पदार्थ खाने से मना किया गया था. वह अन्य बच्चों की तरह खा-पी नहीं सकता था। लेकिन अगर उसे थोड़ा सा भी कुछ खाने को दे दिया जाए तो वह कहता ‘मेरा क्या होगा?’ उसके जाने के बाद जब अलका ने ये बातें सुनीं और ऊपर देखा तो वह आयुष था। उसके बाद वो बेहोश हो गई और जब उसे होश आया तो वहां कोई नहीं था.. कार खेत के बीच में खड़ी थी. वहां कोई नहीं आ सकता था.’ ऐसा ही एक चौंकाने वाला खुलासा शेखर सुमन ने किया है।

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